हरिद्वार 8 अक्टूबर 2022। अंकिता हत्याकांड ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया, जिस तरह से पूर्व भाजपा के दर्जा धारी मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य और उसके दो दोस्तों ने रिसोर्ट में काम करने वाली पौड़ी निवासी अंकिता को देह व्यापार में आने से इन्कार करने पर हत्या करके शव को नहर में फेंक दिया। इससे उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश आक्रोशित हुआ और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग होने लगी। मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी का गठन किया और एसआईटी ने रिसोर्ट से लेकर अन्य जगहों से सबूत इकट्ठे करने शुरू किए। एसआईटी की जांच में पुलकित की फोन फेंकने वाली थोड़ी भी झूठी निकली जिस तरह से पुलकित ने पुलिस को यह बताया था कि अंकिता ने उसका फोन नहर में फेंक दिया जिसके कारण उसने उसे धक्का दिया। यह बात भी टिक नहीं पाई क्योंकि एसआईटी की जांच में यह पाया गया कि पुलकित का फोन किसी दूसरे सिम से अगले दिन तक खुला हुआ था और पुलकित ने जंगल के रास्ते जाकर नहर में अपना फोन अगले दिन फेंका था।
जिससे सीसीटीवी कैमरा से भी बच सके। वहीं अब एसआईटी ने साक्ष्यों के आधार पर दो और गंभीर धाराओं में आरोप खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसआईटी द्वारा अंकिता मर्डर केस में धारा-354 (अगर कोई शख्स ये जानते हुए भी कि किसी महिला के साथ मारपीट करता है, यौन उत्पीड़न करता या उसकी लज्जा भंग करता है तो उसे सेक्शन 354 के तहत संज्ञेय अपराध माना जाता है। इस अपराध में कम से कम 1 साल की सजा, जो अधिकतम 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है, या जुर्माना, या दोनों हो सकती है) एवं अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम एक्ट की धारा-5 की बढोत्तरी की गयी है। अभियोग से सम्बन्धित कब्जे लिये सभी बरामद साक्ष्य प्रदर्श/ माल जिन्हें विधि प्रयोगशाला परीक्षण हेतु भेजा गया है, के परीक्षण परिणाम को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया गया है। वर्तमान में विवेचनात्मक कार्यवाही जारी है।
एसआइटी ने मुकदमे में बढ़ाई धाराएं
एसआइटी ने आरोपित पुलकित आर्य और उसके साथियों पर दर्ज मुकदमे में यौन उत्पीड़न और देह व्यापार कराने की धाराएं बढ़ा दी है। इस संबंध में पुलकित आर्य के रिसोर्ट में मिले साक्ष्य को विधि प्रयोगशाला भेज दिए हैं। चीला बैराज से युवती का शव एसडीआरएफ ने बरामद किया था। इसके अलावा आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के बाद मुकदमे से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए गए। इसी आधार पर एसआइटी ने शनिवार को उक्त मुकदमे में दो और महत्वपूर्ण धाराएं बढ़ा दी है। एसआइटी के अनुसार महत्वपूर्ण गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर पुलकित और उनके धारा-354 (क) भादवि एवं अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम एक्ट की धारा-5 की बढोत्तरी की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश गैरोला ने इसकी पुष्टि की है। माना यह भी जा रहा है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता की मुश्किलें और बढ़ गई हैं और किसी भी कीमत पर वह इस केस में ज्याद दिन तक बच नहीं पाएंगे अंकिता हत्याकांड से पूरा उत्तराखंड आज भी उसी तरह आक्रोशित है। जिस तरह उनको पहले दिन यह खबर सुनने को मिली थी। मीडिया से बात करते हुए अंकिता के पिता ने तो मुख्यमंत्री धामी से यहां तक कह दिया कि यह 25 लाख की धनराशि वापस ले लो लेकिन मुझे अंकिता लौटा दो यहां पर इन तीनों लोगों को फांसी पर चढ़ा दो। अब यह देखना होगा कि सीएम धामी और एसआईटी इस मामले में अंकिता को कितना इंसाफ दिलाने में कामयाब होते हैं।
किसको दी जानी थी स्पेशल सर्विस?
वहीं कुछ दिन पहले मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसआईटी के सामने लगभग 4 लोगों के नाम सामने आए थे जिनको लेकर अंकिता पर पुलकित आर्य द्वारा स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया गया था। हालांकि अभी तक उन वीआईपी लोगों के नाम एसआईटी या सरकार द्वारा उजागर नहीं किए गए हैं। लेकिन विपक्ष और उत्तराखंड के लोग दिन प्रतिदिन नामों को सार्वजनिक करने की बात पर अड़े हुए हैं और कांग्रेस भी इस मामले पर कह चुकी है कि पुलकित आर्य और उसके दोस्तों के साथ इन रिसोर्ट में आने वाले वीआईपी लोगों को भी सख्त से सख्त सजा दी जाए।