हरिद्वार। जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण श्री विनय शंकर पाण्डेय के आदेशों के क्रम में हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार कई अवैध सम्पत्तियों को सील करने, अवैध निर्माण को ढहाने तथा अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त करने की कार्रवाई लगातार जारी है।
उसी सिलसिले में मंगलवार को 09 अवैध रूप से काटी गयी कॉलोनियों के सील/ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गयी।
सचिव हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण श्री उत्तम सिंह चौहान ने बताया कि श्री अशोक पाडिया, अमात्रा के निकट, श्यामपुर कांगड़ी हरिद्वार, श्री जितेन्द्र कुमार, महादेव मन्दिर गाजीवाला हरिद्वार की 7 दुकानें,
श्री नीरज शर्मा, एन0एच0-58 मुख्य मार्ग, मनोहरपुर, बहादराबाद, हरिद्वार की अवैध कॉलोनी, श्री अनुज कुमार, एन0एच0-58 मुख्य मार्ग, बहादराबाद, हरिद्वार की अवैध कॉलोनी, श्री दुष्यंत पुत्र स्व० श्री सुरेंद्र सिंह, जया मैक्सवैल हॉस्पिटल के निकट, बहादराबाद, हरिद्वार की अवैध कॉलोनी, श्री रविंद्र चौहान, हरिद्वार रूडकी मुख्य मार्ग, बहादराबाद, हरिद्वार की अवैध कॉलोनी,
श्री आशीष अग्रवाल, लाइन न.-3, सुमन नगर सलेमपुर हरिद्वार की अवैध कॉलोनी, श्री अतुल गोसाईं , सुमन नगर हरिद्वार का अवैध निर्माण, श्री सुभाष चंद पुत्र श्री सूरजमल सिंह, गायत्री विहार भूपतवाला,
हरिद्वार का अवैध निर्माण, एचआरडीए के सहायक अभियंता श्री पंकज पाठक, अवर अभियंता श्री बलराम सिंह, अवर अभियंता आकाश जगूडी व् स्टाफ की टीमों ने 05 अवैध कालोनियों तथा 04 अवैध निर्माणों को सील करने की कार्यवाही की गयी।
जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष एचआरडीए ने कहा है कि भविष्य में जो भी अवैध प्लाटिंग/अवैध निर्माण आदि में लिप्त पाये जायेगे, उनके खिलाफ इसी तरह नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
सवालों के घेरे में प्राधिकरण
लेकिन दूसरी तरफ हरिद्वार विकास प्राधिकरण की कार्यवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि प्राधिकरण की कार्यवाही के बावजूद भी हरिद्वार शहर और जशपद में लगातार अवैध निर्माण के कार्य तेज गति से चल रहे हैं और सबसे बड़ा सवाल तो यह भी खड़ा हो रहा है कि जब यह कार्य शुरू होते हैं तब प्राधिकरण की टीम को इसकी भनक क्यों नहीं लगती? क्या सरकारी दफ्तरों में बैठे नुमाइंदे सिर्फ सरकार की तनख्वाह लेने के लिए विभाग में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं या हरिद्वार जनपद में घूम कर यह पता लगाने के लिए कि कहां अवैध निर्माण तेज गति से चल रहा है। क्योंकि उत्तरी हरिद्वार से लेकर मध्य हरिद्वार एवं कनखल क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में जिस तरह से पिछले दो-तीन साल से अवैध निर्माण के कार्य तेज गति से चल रहे है वह कहीं ना कहीं हरिद्वार विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। क्योंकि कार्रवाई के नाम पर सील करके और जुर्माना लगाकर गलत कामों पर लीपापोती करने से समाज में गलत संदेश जाता है। अगर कार्रवाई सख्त रूप से हो तो समाज में सख्त संदेश जाएगा जिससे किसी भी व्यक्ति की अवैध निर्माण करने की कोशिश दोबारा नहीं होगी।