हरिद्वार। आज श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार के योगविभाग ने विशेष योगाभ्यास शिविर लगाया।
इस शिविर में शारीरिक विकास एवं रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाने के उपायों को बताया गया। वर्तमान की स्थिति को देखते हुए विशेष योगासनों का अभ्यास कराया गया। इन योगासनों के माध्यम से सामान्य दिनचर्या में रहने वाले व्यक्ति भी अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को निरन्तर बढा सकते है। इस अवसर पर योगाचार्य श्री मनोज गिरि ने बताया कि योग के माध्यम से व्यक्ति निरोग एवं स्वस्थ रह सकता है। योग भारतीय संस्कृति का एक मुख्य अंग है। योग व्यक्ति को एक विशिष्ट वरदान है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपनी क्षमताओं का विकास करता है।
श्री मनोज कुमार ने बताया कि प्राणायाम एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से व्यक्ति रोग प्रतिरोधकक्षमता को बढाने के साथ-साथ अनेक रोगों का प्रशमन भी कर सकता है। कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी के रोकथाम में भी प्राणायाम का विशेष योगदान रहा है। यदि मनुष्य योग को अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या में सम्मिलित कर लेता है तो उसका स्वास्थ्य, आयु एवं नैरोग्य का निरन्तर विकास होता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. ब्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव, डॉ. निरजन मिश्र, डॉ. रवीन्द्र कुमार, डॉ. आशिमा श्रवण, डॉ. मजु पटेल, डॉ. दीपक कोठारी, डॉ. आलोक सेमवाल, श्री गौरव असवाल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।