हरिद्वार 19 दिसंबर 2023। हरिद्वार के आनंद आश्रम में केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बने भव्य आन्नदेश्वर महादेव मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर का लोकार्पण संत समाज ने फीता काटकर किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमंहत रवींद्र पुरी ने कहा कि सूर्य से सनातन का जन्म हुआ है, जब तक सूर्य में तेज है तब तक सनातन का झंडा बुलंद रहेगा।
हरिद्वार के आनंद आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन महंत शंकारानंद महाराज की 16 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विशाल संत समागम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमंहत रवींद्र पुरी महाराज ने कहां की शंकर नाम के जितने भी संसार में व्यक्ति है उन्हें शंकर जी ने अपना अंश दिया है। स्वामी विवेकानंद महाराज ने अपने विवेक और कर्म के माध्यम से समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त किया है। सनातन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सूर्य सनातन सूर्य से पैदा हुआ है, जब तक सूर्य है तब तक सनातन रहेगा। इसे मिटाने वालों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा लेकिन सनातन रहेगा।
बाबा हठयोगी ने कहा कि सरलता और विनम्रता की मिसाल है स्वामी विवेकानंद, सनातन धर्म को हमें संरक्षित रखना है। महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद महाराज द्वारा किए जा रहे कार्य अविस्मरणीय हैं और यहां आए भक्त बड़े भाग्यशाली हैं कि उन्हें ऐसा युवा संत का सानिध्य प्राप्त हुआ है।
नंदकिशोर गुर्जर, विधायक, लोनी गाजियाबाद ने कहा कि सनातन को मजबूत करने के लिए हमें कार्यरत रहना पड़ेगा।खानपुर से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा किसंतो के चरण पड़ते से ही कोई भी जगह पवित्र हो जाती है, जिस देश में वेद, पुराण, महाभारत रामायण जैसे ग्रंथ हो उस देश को कोई झुका नहीं सकता, हमें पाखंड से बचकर अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए।
महामंडलेश्वर अनंतानंद महाराज ने कहा कि स्वामी शंकारानंद महाराज ने कितने लोगों को अपने विचार से प्रभावित करते हुए सनातन धर्म से जोड़ने का काम किया, स्वामी विवेकानंद महाराज ने उन्ही के पदचिन्हों पर चलते हुए आश्रम का जीर्णोद्धार करते हुए भव्य मंदिर का निर्माण करवाया है।16 वीं पुण्यतिथि पर योगगुरु कर्मवीर ने कहां की परमात्मा उनसे प्रेम करते हैं जो निर्दोष होते हैं, उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने अंदर का अंहकार और मोह त्यागना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने कहा हम ऐसा राष्ट्र चाहते हैं जहां न भय हो न भूख हो, रावण अपने दरबार में सिंहासन पर बैठा था, न ही वह सम्मान देना चाहता था और न ही देना आता था, लेकिन हनुमान जी ने उन्हें सबक सिखा दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि युवा संन्यासी स्वामी विवेकानंद महाराज योग्यता के बल पर आगे बढ़ रहे हैं। अच्छे विचार और संकल्प लेकर वह आनंद आश्रम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। स्वामी विवेकानंद महाराज ने कई न्यायमूर्ति और वरिष्ठ गणमान्य अतिथियों को यहां बुलाकर यह साबित कर दिया है।
स्वामी विवेकानंद महाराज ने सभी संतो और अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसा आशीर्वाद हमें आगे भी इसी तरह प्राप्त होता रहेगा ऐसी मेरी कामना है। कपिल शर्मा जौनसारी और प्रदीप भाटी ने कार्यक्रम में अतिथियों का फूल माला पहनकर स्वागत किया। मंच का संचालन महंत रवि देव शास्त्री ने किया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर अनंतानंद, महामंडलेश्वर चिदविलासानंद, महामंडलेश्वर ललितानंद, बाबा हठ योगी, नारायण दास पटवारी, योग गुरु कर्मवीर, महंत रघुवीर दास, महंत सूरजदास, महंत रघुमुनि, महंत योगेंद्रानंद शास्त्री, महंत हरिहरानंद शास्त्री, महंत ऋषिश्वरानंद, महंत ओमानंद, आर वी शर्मा, सहित कई संत और हरीश भाटी, बल्लू, शिवनारायण भाटी, नितिन मावी, बालकिशन भाटी, अभिषेक ठाकुर, महावीर मिड्डा, आदि भक्त मौजूद थे।