मुफ्त में होगा इलाज, 16 अगस्त से हरिद्वार में खुलने जा रहा यह अस्पताल

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हरिद्वार 12 अगस्त 2023। स्वास्थ्य सेवाओं से जूझ रहे उत्तराखंड के लोगों के लिए खुशखबरी है। हरिद्वार में 16 अगस्त से दूधाधारी बर्फानी अस्पताल की दोबारा शुरुआत होने जा रही है और इसमें सभी का निशुल्क इलाज होगा। अस्पताल में पर्चे, जांच दवा और भर्ती करने की सुविधा पूरी तरह से निशुल्क होगी। छह ओपीडी सुविधा के साथ अस्पताल की शुरूआत की जाएगी। अगले दो महीने में 450 बेड की क्षमता वाली आईपीडी को मरीजों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।

अस्पताल प्रबंधन ने आठ महीनों में अस्पताल को मेडिकल कॉलेज सरीखी विशेष ओपीडी और विश्वस्तरीय जांच सुविधा से लैस करने का लक्ष्य रखा है। शुक्रवार को भूपतवाला स्थित दूधाधारी बर्फानी अस्पताल एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रो. अरूण आलोक चक्रवर्ती के हरिद्वार में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई अस्पताल है। ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसा बड़ा संस्थान होने के बाद भी मरीजों को उपचार के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और धर्मार्थ अस्पतालों में पर्चा व उपचार तो निशुल्क है लेकिन दवा और जांच सुविधा का लाभ निशुल्क नहीं मिल पाता है। दवा और जांच का खर्च पर्चे और उपचार से भी महंगा होता है।

प्रो. अरुण आलोक चक्रवर्ती ने कहा वह पीजीआई में विभागाध्यक्ष और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर ह्यूमन एंड एनिमल माइकोलॉजी के अध्यक्ष रहे हैं इसलिए सार्वजनिक चिकित्सा संस्थानों की मजबूरी को समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के संरक्षक संत प्रभुदास ने विश्वस्तरीय निशुल्क अस्पताल के निर्माण चिकित्सक का संकल्प लिया था। आज जनहित में लिया गया यह संकल्प पूरा हो गया है। शुरुआत में अस्पताल में मरीजों को सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नेत्र रोग, बाल रोग जैसी छह ओपीडी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

मेडिकल कॉलेज के बराबर है चिकित्सकों का वेतन

प्रो. अरूण आलोक चक्रवर्ती ने बताया कि अस्पताल में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों का वेतन मेडिकल कॉलेज के समान रखा गया है। सम्मानजनक वेतन के साथ चिकित्सक पूरी निष्ठा, समर्पण और पूरी कार्यकुशलता के साथ मरीजों को उपचार दे पाएंगे।

छह विभागों में 12 विशेषज्ञों की हुई नियुक्ति 

दूधाधारी बर्फानी अस्पताल एवं अनुसंधान संस्थान में पहले चरण में छह विभागों को संचालित किया जाएगा। प्रबंधन के मुताबिक छह विभागों में 12 विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है। विभागाध्यक्ष भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभागाध्यक्ष ही अपने विभागों की टीम के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति करेंगे।

चिकित्सकों के सुझाव पर खरीदे जाएंगे उपकरण

प्रो. अरूण आलोक चक्रवर्ती ने बताया कि चिकित्सकों की सलाह पर चिकित्सा मशीन और उपकरण खरीदे जाएंगे। अस्पताल में एमआरआई, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, वेंटिलेटर, आईसीयू, आईसीसीयू, इमरजेंसी आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सभी संसाधनों को जुटाने के लिए करीब आठ महीने का समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के संरक्षक संत प्रभुदास ने कहा है कि सभी मशीनें और उपकरण उच्च गुणवत्ता के होनी चाहिए। मरीजों के उपचार में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

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