बिजली चोरी में हरिद्वार जिला नंबर वन, आंकड़ों से बात आई सामने, कितनी हुई छापेमारी

Listen to this article

उर्जा प्रदेश के नाम से जाना जाने वाला उत्तराखंड में अब यह स्थिति पैदा हो गई है कि लोग बिजली चोरी करने लगे हैं। हावड़ा से हो भी क्यों ना क्योंकि जहां एशिया का सबसे बड़े बांधों में से एक पीढ़ी बांध हो और तमाम स्रोत यहां बिजली उत्पादन करने के हूं फिर भी प्रदेश में बिजली की दरें लगातार जिस तरह से पिछले कुछ सालों में बड़ी है उसने कहीं ना कहीं आम आदमी की जिंदगी दूबर कर दी है। सामने आए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 13 जनपदों में हरिद्वार बिजली चोरी के मामले में शीर्ष पर है और इससे यूपीसीएल को साल में करोड़ों रुपए का चूना भी लग रहा है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच के ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो विजिलेंस ने प्रदेशभर में कुल 4143 सूचनाओं पर छापेमारी की है।

विजिलेंस ने इनमें से 2972 मामलों में बिजली चोरी पकड़ी। पकड़े गए मामलों में गढ़वाल मंडल के 2169 और कुमाऊं मंडल के 803 मामले शामिल हैं। वही बात अगर बिजली चोरी की करें तो गढ़वाल मंडल का हरिद्वार जनपद टॉप पर है। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि हरिद्वार जनपद के ग्रामीण इलाकों में अधिकांश आबादी मध्यम वर्ग से नीचले स्तर की प्रवास करती है और कहीं ना कहीं कुछ सालों में बड़े बिजली के दाम भी इसका बड़ा कारण है। महीने में 10-12000 कमाने वाला व्यक्ति यहां तो अपने घर का खर्चा चला सकता है या फिर वह अन्य जरूरतें पूरी कर सकता है। लेकिन ऐसा होने से कहीं ना कहीं सरकारी विभागों को बड़ा नुकसान हो रहा है।

यूपीसीएल में आईपीएस अफसर के नेतृत्व में बिजली चोरी रोकने को विजिलेंस का गठन किया गया है। इस टीम में यूपीसीएल के भी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अन्य कर्मचारी तैनात हैं। विभिन्न माध्यमों से सूचना मिलने के आधार पर ये विजिलेंस टीम प्रदेशभर में अलग-अलग जगहों पर बिजली चोरी पकड़कर मुकदमा दर्ज कराती है। करीब 85 प्रतिशत मामले हरिद्वार जिले के अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच के ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो विजिलेंस ने प्रदेशभर में कुल 4143 सूचनाओं पर छापे मारे। विजिलेंस ने इनमें से 2972 मामलों में बिजली चोरी पकड़ी। पकड़े गए मामलों में गढ़वाल मंडल के 2169 और कुमाऊं मंडल के 803 मामले शामिल हैं। गढ़वाल मंडल के 2169 मामलों में करीब 85 प्रतिशत मामले हरिद्वार जिले के हैं।

हरिद्वार जिले के कई गांवों में आज भी बड़े पैमाने पर बिजली चोरी चल रही है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि लगातार बिजली चोरी को लेकर विभागीय स्तर से विजिलेंस और खंड व उपखंडों में उनके अधिकारी काम कर रहे हैं।

इसी का नतीजा है कि एक साल में विजिलेंस ने करीब तीन हजार मामले पकड़े हैं। उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर बिजली चोरी की वजह से निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इन दिनों भी यूपीसीएल बिजली चोरी पकड़ने को विशेष अभियान चला रहा है।

प्रदेश में किस माह में कितनी बिजली चोरी के मामले

माह पकड़े गए बिजली चोरी के मामले

अप्रैल 212

मई 321

जून 273

जुलाई 273

अगस्त 347

सितंबर 256

अक्तूबर 240

नवंबर 261

दिसंबर 196

जनवरी 224

फरवरी 233

मार्च 154

कटिया से डाला जा रहा महंगी बिजली पर डाका। प्रदेश में जहां भी बिजली चोरी पकड़ी गई, वहां ज्यादातर मामलों में कटिया से चोरी की जा रही है। गंभीर बात ये भी है कि चोरी करने वाले हीटर से लेकर उन सभी उपकरणों को चला रहे हैं, जो कि भारी बिजली खाते हैं। विजिलेंस के अधिकारियों की मानें तो बिजली चोरी करने वालों पर विभागीय स्तर से जुर्माना लगाने के साथ ही पुलिस केस भी दर्ज कराया जाता है।

 

error: Content is protected !!